यह रचना उन सभी राजनैतिक दलों के लिए समर्पित हैं जिनका एक मात्र उद्देश्य मोदी को हराना है। ……………
कौवों के कोसने से ढोर नहीं मरते,
साँप के काटने से मोर नहीं मरते।
किसी का बुरा चाहने वालो
तुम्हारे चाहने से क्या होता है,
प्रभु की मर्जी के बिना तो
भोर भी नहीं होते।
पत्ता भी नहीं गिरता एक डाल से,
पानी को तरसते सब बेहाल से।
मेहरबानी होती जब प्रभु के करम की,
मुर्दा भी उठ जाता कफ़न फाड़ के।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
कौवों के कोसने से ढोर नहीं मरते,
साँप के काटने से मोर नहीं मरते।
किसी का बुरा चाहने वालो
तुम्हारे चाहने से क्या होता है,
प्रभु की मर्जी के बिना तो
भोर भी नहीं होते।
पत्ता भी नहीं गिरता एक डाल से,
पानी को तरसते सब बेहाल से।
मेहरबानी होती जब प्रभु के करम की,
मुर्दा भी उठ जाता कफ़न फाड़ के।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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