ढलती हुयी जिंदगी को नया नाम दे दो,
बुढ़ापे को तजुर्बे से नयी पहचान दे दो।
कुछ हँस कर जीते हैं कुछ रो के मरते,
खुश रहो, जिंदगी को नया मुकाम दे दो।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
बुढ़ापे को तजुर्बे से नयी पहचान दे दो।
कुछ हँस कर जीते हैं कुछ रो के मरते,
खुश रहो, जिंदगी को नया मुकाम दे दो।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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