तनहा नहीं होता कभी मेरा दिल,
तेरी यादों का बसेरा वहाँ ऐ कातिल।
जुदा जिस्म होता है, रूह तो नहीं,
तुम रहती सदा मेरे ख्यालों में शामिल।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
तेरी यादों का बसेरा वहाँ ऐ कातिल।
जुदा जिस्म होता है, रूह तो नहीं,
तुम रहती सदा मेरे ख्यालों में शामिल।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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