तेरी उदासी से मेरा दिल दहल जाता है,
तेरी मुस्कराहट से ईमान मचल जाता है।
न सवाल करता हूँ, ना शक का दायरा है,
तेरा गैरों से यूँ मिलना, मेरा दिल चीर जाता है।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
तेरी मुस्कराहट से ईमान मचल जाता है।
न सवाल करता हूँ, ना शक का दायरा है,
तेरा गैरों से यूँ मिलना, मेरा दिल चीर जाता है।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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