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Friday, April 18, 2014

राष्ट्र हित के लिए जो निरंतर चल रहा,

तम मिटाने के लिये रात-दिन जल रहा। 



भारत बने विश्व गुरु, सपना हो सार्थक,


राष्ट्रप्रेम रग-रग में, “नरेंद्र” की पल रहा। 



शिक्षित-समृद्ध-संस्कारवान,गुणवान देश हो,


भारत का जन-जन राष्ट्र प्रेम में ढल रहा। 




मुक्त हो भारत अब जाति-धर्म की बेड़ियों से,


एकता, समानता का सन्देश, मोदी चल रहा। 





डॉ अ कीर्तिवर्धन

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