राष्ट्र हित के लिए जो निरंतर चल रहा,
तम मिटाने के लिये रात-दिन जल रहा।
भारत बने विश्व गुरु, सपना हो सार्थक,
राष्ट्रप्रेम रग-रग में, “नरेंद्र” की पल रहा।
शिक्षित-समृद्ध-संस्कारवान,गुणव ान देश हो,
भारत का जन-जन राष्ट्र प्रेम में ढल रहा।
मुक्त हो भारत अब जाति-धर्म की बेड़ियों से,
एकता, समानता का सन्देश, मोदी चल रहा।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
तम मिटाने के लिये रात-दिन जल रहा।
भारत बने विश्व गुरु, सपना हो सार्थक,
राष्ट्रप्रेम रग-रग में, “नरेंद्र” की पल रहा।
शिक्षित-समृद्ध-संस्कारवान,गुणव
भारत का जन-जन राष्ट्र प्रेम में ढल रहा।
मुक्त हो भारत अब जाति-धर्म की बेड़ियों से,
एकता, समानता का सन्देश, मोदी चल रहा।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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