सभी सांसदों से अनुरोध
राष्ट्र भाषा हिंदी में शपथ लें श्रीमान,
मातृभाषा का संसद में करना है सम्मान।
अंग्रेजी की गुलामी से भारत को मुक्त कर,
हिंदी को दें विश्व पटल पर एक नयी पहचान।
सभी सांसदों से अनुरोध है कि शपथ करते समय राष्ट्र भाषा हिंदी अथवा अपनी मातृ भाषा का ही प्रयोग करें और देश का मान बढ़ाएं।
सम्पूर्ण विश्व को पता चलना चाहिए कि सोया भारत जाग उठा है, जाति-धर्म-क्षेत्रवाद से आगे बढ़कर विकास के मुद्दे पर सारा देश एक साथ खड़ा है। हमें अपनी राष्ट्र भाषा तथा मातृ भाषा पर गर्व है। हम किसी भी विदेशी भाषा के विरोधी नहीं हैं मगर पहले राष्ट्र भाषा, मातृ भाषा फिर कोई भी अन्य भाषा का स्वागत किया जाएगा।
जय हिन्द, जय हिंदी, जय भारती
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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