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Saturday, May 3, 2014

muktak-umra kaa yah daur chauthaa

उम्र का यह दौर चौथा और आशिकी का जलजला,
जिसको बेटी कहता रहा, दिल उसपे आया मनचला। 
बात संस्कृति की करे और आचरण है बेहाया,
बुढ़ापे में रंगरेलियां मनाता, लगता है वो दिलजला। 


डॉ अ कीर्तिवर्धन 

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