अच्छे दिन आएंगे, लगने लगा है,
मेहनतकश कमाएंगे, लगने लगा है।
मोदी ने सिखाया, काम का तरीका,
निक्कमे जाएँगे, अब लगने लगा है।
पवित्र हों नदियाँ, सपना है सबका,
गंगा अभियान से, सच लगने लगा है।
जड़ से मिटेगी, भ्रष्टाचार की बेल अब,
शासन में पारदर्शिता से, लगने लगा है।
छोड़ कर जाति-धर्म-क्षेत्रवाद का नारा,
सवा सौ करोड़ का भारत, लगने लगा है।
तुष्टिकरण की सियासत को करके किनारे,
सबका विकास सपना, पनपने लगा है।
उठो-जागो, बढ़ो मिलजुल कर आगे,
भारत फिर विश्व गुरु, बनने लगा है।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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