चापलूसी में न पडें, अभी से श्रीमान,
राष्ट्रहित सबसे बड़ा, करने हैं कुछ काम।
करने हैं कुछ काम, है समृद्ध राष्ट्र बनाना,
चोर-उच्चकों-बेईमानों से, देश बचाना।
करे ‘कीर्ति’ बात सदा, राष्ट्र हित में सच्ची,
सही निर्णय में बाधक, होती देखी चापलूसी।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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