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Wednesday, June 18, 2014

partavaran par kundali

पर्यावरण पर

लगायें धरा पर एक वृक्ष, बचें ताल-तड़ाग,
चाहे जितनी तब यहाँ, नभ से बरसे आग।
नभ से बरसे आग, नहीं कुछ जल पायेगा,
वृक्षों का साया, सबका रक्षक बन जायेगा।
चाहो “कीर्ति” धरती, अम्बर, जल बच जाये,
करें संरक्षण प्रकृति का, धरा पर वृक्ष लगायें।


डॉ अ कीर्तिवर्धन

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