Pages

Followers

Saturday, July 12, 2014

jhooth bolanaa meri razaa nahi majboori hai

झूठ बोलना मेरी रज़ा नहीं, मजबूरी है,
तेरे गुस्से से आज भी खौफ खाता हूँ।
तू  खुश रहे, इसलिए अपना गम छुपाकर  
दर्द के बावजूद, तेरे सामने मुस्कराता हूँ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

No comments:

Post a Comment