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Saturday, July 19, 2014

khaani hon rotiyaan gar maa ke haath ki

खानी हों रोटियाँ गर माँ के हाथ की,
फ़िक्र करना तुम, उसके जज्बात की।
दो घडी आकर माँ से मिल जाना,
बात कर लेना कभी, घर के हालात की।
पूछ लेना पिता के भी, क्या हाल हैं,
पैसे से ज्यादा जरुरत, बेटे के साथ की।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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