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Thursday, October 30, 2014

aur vah mar gaya

        और वह मर गया ----------
कल वह मर गया
बावजूद इसके
कि
अभी वह ज़िंदा है।
ज़िंदा
यानि
उसकी साँस चल रही है
वह चलता फिरता है
खाता पीता है
लेकिन
कल वह मर गया।
मरा भी तो
अपनी मौत नहीं
बल्कि
ह्त्या की गयी उसकी
जी हाँ -ह्त्या
हत्यारे  आज़ाद हैं
हमारे सामने
न्याय के आसन पर
कानून का लबादा ओढ़े
विराजमान
गले में न्याय की
पट्टी लटकाये
इन्साफ की अंधी देवी की
तस्वीर के नीचे बैठे
बस
तराजू में गवाहों
व सबूतों को तौलते
झूठे व बेबुनियाद तर्कों पर
और सुना दी
उसे सज़ा
बेईमान होने की
उसकी ईमानदारी के बदले।
और तभी से वह
ढो रहा है
अपनी लाश
और सलीब
साथ साथ
अपने ही कन्धों पर
इस उम्मीद में
कि शायद
वह पुनः जन्म लेगा
और कायम होगा
धर्म का राज।

डॉ अ कीर्तिवर्धन  

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