धरने का महत्त्व-----------
जाएंगे जो आये हैं, प्रजा- राजा- रंक,
धरने को सार्थक बना, चले गए नित्यानंद।
चले गए नित्यानंद, गंगा हित जान गवाईं,
केजरीवाल ने दिल्ली सत्ता, धरने से ही पाई।
कहे कीर्ति कविराय, मलाई अब कुत्ते खाएंगे,
धरने वालों के संरक्षक, अरविन्द बन जाएंगे।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
No comments:
Post a Comment