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Wednesday, November 19, 2014

sharad yadav-kabhi mulamam kabhi soniya khel anutha khelo

शरद यादव जी----

कभी मुलायम, कभी सोनिया, खेल अनूठा खेलो,
पिटे हुए से मोहरे हो तुम, सीख जगत से ले लो।
जिसका अपना जमीर, मान -सम्मान नहीं होता,
घर के बच्चे भी कहते हैं, इसको बाहर धकेलो।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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