महँगाई तो घट रही, देखो देकर ध्यान,
सब्जी- फल सस्ते हुए, कहता फिरे किसान।
कहता फिरे किसान, नहीं आता अब पड़ता,
महँगा भरा स्टॉक, दुकानदार की हालत खस्ता।
अच्छे दिन आएंगे “कीर्ति”, घर घर बजे शहनाई,
थोड़ा रखो धीर, ख़त्म होगी जल्द सारी महँगाई।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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