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Wednesday, January 21, 2015

mrigtrishna ya koi khwaab kahen

मृगतृष्णा या उसे कोई ख्वाब कहें,
झूठा ही सही, जीने का अंदाज़ कहें।
भटकता मन, जिंदगी की जद्दो-जहद में,
प्रकृति से जुड़, जीने की तब बात कहें।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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