नालायक औलाद अगर हो, ठोकर मार बाहर करो,
सच्चाई की डगर चले जो, उससे तुम इन्साफ करो।
आम आदमी की बातें और सत्ता खातिर जिए- मरे,
ऐसे ढोंगी- पाखंडी को, दिल्ली से भी दूर करो।
अन्ना को जिसने छोड़ा, जीवन भर बना रहा भगौड़ा,
बच्चों की झूठी कसमें, क्यों उस पर विश्वास करो ?
धरने- प्रदर्शन का माहिर, लोकपाल की करता बात,
कुर्सी पर टिक ना पायेगा, क्यों अपना वोट खराब करो ?
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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