त्रेतायुग में आई  रामायण, द्वापर में गीता का ज्ञान,
कलियुग में भी ज्ञान की बातें, सतयुग में थे वेद-पुराण। 
महावीर से हुए अहिंसक, यहाँ हिंसा का नहीं कोई स्थान,
राज-पाट सब त्याग कर बुद्धा, शान्ति का देते पैगाम। 
छह ऋतुओं का देश है भारत, विश्व पटल पर इसकी शान,
सबके सुख- दुःख में हम साझी, मानवता अपनी पहचान। 
राणा और शिवा से वीर, जिन पर है हमको अभिमान,
जन्म मृत्यु नहीं डराते, धर्म -अध्यात्म का हमको ज्ञान। 
डॉ अ कीर्तिवर्धन 
 
 
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