देश भक्ति के लिए, मानव को जीना चाहिए,
विरोधियों के साथ भी, समन्वय होना चाहिए।
सत्य आचरण जीवन में, लक्ष्य “कीर्ति”बना रहे,
भारत माँ के चरणों में, असीम भक्ति चाहिए।
मित्रों के साथ भी सदा, आनन्द का व्यवहार हो,
मंदिर जाने से भी पहले, धरा को नमन चाहिए।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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