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Friday, February 27, 2015

raam ne vinati kari dijo maarag naath

राम ने विनती करी, दीजो मारग नाथ,
समुन्द्र ने अहंकार से, नहीं सुनी थी बात।
विनय तज राम ने, जब धनुष लियो उठाये,
समुन्द्र देव मारग दियो, खडे जोड़ कर हाथ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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