फेसबुक के फेस पर, कभी न देना ध्यान,
कुछ पुरुष यहाँ महिला बने, घूमें जैसे श्वान। 
घूमें जैसे श्वान, व्यभिचार की बातें करते,
आता उनको मजा, ज्यों सूअर नाली में गिरते। 
कहे ‘कीर्ति’ जिनका दिल, फोटो देख करे धुकधुक,
ज्यादातर नकली फेस का दर्पण है यह फेसबुक। 
डॉ अ कीर्तिवर्धन 
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