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Thursday, March 5, 2015

prashant ki laharon ko arvind ne---aap

‘प्रशान्त’ की लहरों को, ‘अरविन्द’ ने उद्दवेलित कर दिया,
खाँसियों के दरम्यान भी, वह अपना भाषण पढ़ गया।
डूबी द्वारिका यादवों की, इतिहास के समन्दर में कभी,
‘आप’ सागर में ज्वार-भाटा, ‘यादव’ को फिर डस गया।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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