बाल साहित्य के पुरोधा
आदरणीय राष्ट्र बंधु जी को अश्रु पूर्ण श्रद्धांजलि ----
राष्ट्र बंधु जी बाल हित, करते रहे थे काम,
बाल साहित्य यात्रा में, पाया पूर्ण विराम।
वयोवृद्ध, जोशीले युवा, बच्चों सी मुस्कान,
बचपन सदा सार्थक बने, दिये नए मुकाम।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
No comments:
Post a Comment