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Sunday, March 15, 2015

tum kya jaano==nind kaa aalam---maa

नींद का आलम, तुम क्या जानो,
जाग कर देखो, सोओ तो जानो।
खुशबू फैलाते फूल, जहाँ में कैसे,
इन्सान बनकर देखो. तो जानो।
उसके जनाजे के पीछे लाखों क्यूँ थे,
किसी का दर्द समझो, तो जानो।
सूनापन मेरी आँखों में क्यों है,
माँ चली जाए छोड़कर, तो जानो।
जो जिया खुद की खातिर जहां में,
तन्हाई का आलम, उससे जानो।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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