आज नेपाल तथा देश के अनेक हिस्सों में भूकम्प की त्रासदी देखने को मिली। प्रश्न यह है की स्वयं को प्रगतिशील कहने वाले क्या इससे कोई सन्देश लेंगे अथवा अपने स्वार्थों के लिए यथावत चलते रहेंगे ?
एक बार फिर कुदरत ने, अपना कहर बरपाया,
कोई नहीं है उसके सम्मुख, यह अहसास कराया।
मत करो छेड़छाड़ प्रकृति से, यह सबको बतलाया,
वृक्ष लगाओ- करो संरक्षण, फिर यह याद दिलाया।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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