चाहते हो दुनिया में, गर भारत की छवि बनाना,
मुल्क के अंदर भी, जन-जन के मन में छा जाना,
सबसे पहले कानून- व्यवस्था, दुरुस्त करो घर की,
कब्रिस्तान में ही बना दो, हर आंतकी का ठिकाना।
सबसे पहले अंदर हों, उनको संरक्षण देने वाले,
सफेदपोश में छुपे भेड़िये, कुछ खाकी वर्दी वाले।
नहीं भेद हो जाति- धर्म का, बस दहशतगर्द मिटायें,
मानवता के दुश्मन, जो इनकी हमदर्दी करने वाले।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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