__-तीन बातें_
सिमट रहा है------
नदी का नीर
स्त्री का चीर
मन का धीर।
फ़ैल रहा है-------
भ्रष्टाचार का जाल
मानव का दुर्व्यवहार
औरत पर अत्याचार।
कम हो रहा है--
बच्चों मे सदाचार
परिवार मे प्यार
रिश्तों का संसार।
बढ़ रहा है------
नशे का व्यापार
धर्मान्धता का बुखार
शिक्षा का कारोबार।
बचाना होगा---
नेताओं के भाषण से
मुफ्त के राशन से
सरकारी कुशासन से।
मिटानी होगी--
अश्त्रों-शस्त्रों कि जड़
आतंकवाद कि हद
पाकिस्तान कि सरहद।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
लाजवाब लिखा है आपने। वैसे आपकी बातें हमेशा ही लाजवाब रहती हैं। वैसे भइया आप कमेंट बाक्स से वर्ड वेरीफिकेशन का ऑपशन हटा लेते तो और सुविधा होती।
ReplyDeleteबहुत बढिया व सही लिखा बधाई।
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