आस्था के फूल कभी मुरझाते नहीं हैं
लोग अपनों से छले जाते हैं जहाँ में
छलने से फिर भी घबराते नहीं हैं
आस्था को आधार बना ,आगे बढ़ते जाते हैं
आस्था के फूल कभी मुरझाते नहीं हैं |
कुछ लोग बताते हैं "खुदा " खुद को मगर
खुदा की मौजूदगी को वो भी झुठलाते नहीं हैं
तन्हाई में करते हैं वो बन्दगी खुदा की
आस्था के फूल कभी मुरझाते नहीं हैं
साथ चलने की खाकर कसम जिंदगी में
रहबर छोड़ जाते हैं अक्सर मझधार में
इंतजार में रहती आँखें खुली "मरते वक़्त"
आस्था के फूल कभी मुरझाते नहीं हैं |
नए दोस्तों से बढाकर नजदीकियां
फिर नए रिश्ते हर पल बनाते हैं
छलने वाले की बताते हैं मजबूरियां
आस्था के फूल कभी मुरझाते नहीं हैं |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
लोग अपनों से छले जाते हैं जहाँ में
छलने से फिर भी घबराते नहीं हैं
आस्था को आधार बना ,आगे बढ़ते जाते हैं
आस्था के फूल कभी मुरझाते नहीं हैं |
कुछ लोग बताते हैं "खुदा " खुद को मगर
खुदा की मौजूदगी को वो भी झुठलाते नहीं हैं
तन्हाई में करते हैं वो बन्दगी खुदा की
आस्था के फूल कभी मुरझाते नहीं हैं
साथ चलने की खाकर कसम जिंदगी में
रहबर छोड़ जाते हैं अक्सर मझधार में
इंतजार में रहती आँखें खुली "मरते वक़्त"
आस्था के फूल कभी मुरझाते नहीं हैं |
नए दोस्तों से बढाकर नजदीकियां
फिर नए रिश्ते हर पल बनाते हैं
छलने वाले की बताते हैं मजबूरियां
आस्था के फूल कभी मुरझाते नहीं हैं |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
कीर्ति नन्हूं भाइ
ReplyDeleteआशीर्वाद नवरात्रि की शुभ कामनाएँ
रहबर छोड़ जाते हैं अक्सर मझधार में
इंतजार में रहती आँखें खुली "मरते वक़्त"
बहुत सुंदर भाव पूर्ण
बिलकुल सही ...आस्था के फूल कभी नहीं मुरझाते
ReplyDeletedhanyawad sangeeta ji
ReplyDeleteआस्था ही नहीं फूल क्या करेंगे जी कर
ReplyDeletedadi aapke vicharon aur aashirwad se urja milati hai
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