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Monday, October 15, 2012

abhimanyu vadh

अभिमन्यु वध...

एक बार फिर से अभिमन्यु वध हो गया |

युधिष्ठर नैतिकता कि दुहाई देते रहे
द्रोपदी का फिर चीर हरण हो गया |

अनैतिकता के सामने नैतिकता का
ध्वज फिर तार -तार हो गया |

भीष्म के धवल वस्त्र फिर भी न मैले हो सके
सिंहासन कि निष्ठां ने उनको फिर बचा लिया |

ध्रतराष्ट्र अंधे हैं ,गांधारी ने पट्टी बाँधी है
गुरु ड्रोन निशब्द हैं,सत्ता से उनकी यारी है |

संजय निति के ज्ञाता हैं उनको भी सत्ता प्यारी है,
कर्ण वीर सहनशील,दुर्योधन से उनकी यारी है |

चक्रव्यूह भेदन के नियम सब बदल गए
अर्जुन-भीम सब नियम पर चलते रहे |

दुर्योधन ने नियमों को नया रंग दे दिया
अभिमन्यु का वध कर दुःख प्रकट कर दिया |

शकुनी कि कुटिल चालों से सभी पांडव त्रस्त हैं
कृषण कि चालाकियां भी अब मानो निशस्त्र हैं |

डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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