उलझने इस कदर मुझ पर हावी हुई
वुजूद मेरा यहाँ पर सिमटने लगा |
सोचा था बदलूँगा तकदीर मुल्क की
तकदीर पर मेरी खुद ग्रहण लगने लगा |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
वुजूद मेरा यहाँ पर सिमटने लगा |
सोचा था बदलूँगा तकदीर मुल्क की
तकदीर पर मेरी खुद ग्रहण लगने लगा |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
सोचा था बदलूँगा तकदीर मुल्क की
ReplyDeleteतकदीर पर मेरी खुद ग्रहण लगने लगा |
नए नेताओं का मुल्क का ग्रहण पुराना
जैसे बादलों की ओट में चाँद