दीप--पर्व कि हार्दिक शुभकामनाएं
तम का पहरा हो जितना भी गहरा,
मुझे मेरे पथ से डिगा न सकेगा|
भाग्य कोरा जो अमावस के आँगन,
साहस के आगे ठहर न सकेगा|
मैं जलूँगा दीप बन हर राह में,
तम का वजूद एक पल में मिटेगा |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
तम का पहरा हो जितना भी गहरा,
मुझे मेरे पथ से डिगा न सकेगा|
भाग्य कोरा जो अमावस के आँगन,
साहस के आगे ठहर न सकेगा|
मैं जलूँगा दीप बन हर राह में,
तम का वजूद एक पल में मिटेगा |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
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