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Thursday, November 15, 2012


जानता हूँ------

बहरों को सुनाता हूँ गूंगों का गाना,
दूध की रखवाली पर बिल्ली को बैठाना
पालता हूँ सपने शेखचिल्ली से हरदम,
देश की सुरक्षा में अंधे को बैठाना |

डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

3 comments:

  1. बिल्ले रखवाली करें, गूँगे राग सुनाय।
    अब तो अपने देश में, अन्धे राह बताय।।

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  2. बेहतरीन कविता....
    बढ़िया कटाक्ष..........

    अनु

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  3. bahut bahut dhanyawad aadarniya shastri ji va anu ji

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