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Tuesday, December 25, 2012

आज फेस बुक पर मेरे कुछ मित्रों का सन्देश आया कि नए साल के अवसर पर उत्सव मनाया जाए | उनके निमंत्रण का धन्यवाद् |
मैं यह नहीं समझ पा रहा हूँ कि हम कितने संवेदना शून्य हो गए हैं कि अभी तो उस लड़की "दामिनी " , जिसके लिए हम सब दुखी हैं , आंदोलनरत हैं, उसका शव भी नहीं आया, उसका दाह संस्कार भी नहीं हुआ और हम उत्सव कि तैयारी में जुट गए और उत्सव भी वह जिसका मेरे देश और संस्कृति से भी कुछ लेना देना नहीं है | हम सब जानते हैं कि इस रात फिर से पीने और पिलाने के दौर चलेंगे,होटलों में रंगरेलियां मनाई जाएँगी या फिर रात भर सडकों पर हुडदंग मचेगा |
दोस्तों , मै आप सबसे यह तो नहीं कहता कि आप क्या करें या न करें मगर मेरा और मेरे परिवार का निर्णय है कि हम इस नव वर्ष पर किसी भी आयोजन में शामिल नहीं होंगे |

लगी हो इज्ज़त दाव पर जब मेरे देश की,
उत्सव मनाना तब मुझे अच्छा नहीं लगता |
अस्मत हुई है तार -तार सरे राह आज जब ,
सत्ता को शीश नवाना,मुझे अच्छा नहीं लगता |
आती नहीं है लज्जा जरा,सत्ताधीशों को आजकल,
इनका व्यवहार जरा भी , सच्चा नहीं लगता |
मौन रह , लूट रहा देश को , जो सत्ता में बैठकर ,
शक्ल -सूरत से वह मुझे ,बच्चा तो नहीं लगता |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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