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Wednesday, February 6, 2013

patthar tut jaataa hai

पत्थर अक्सर टूट जाता है,चोट सह पाता नहीं,
इंसान की ताकत यही है, चोट से घबराता नहीं ।

सुख-दुःख का आना जाना ,जिंदगी का खेल है,
दर्द चाहे जितना घना हो , तोड़ता नाता नहीं ।
गरीबी और अमीरी में जीना ,सब कर्मों का हिसाब ,
मानवता की राह चले जो, वह कभी पछताता नहीं ।
भक्ति और अध्यात्म की जिसको राह मिल गयी ,
आलस्य और प्रमाद फिर,उसको कभी सुहाता नहीं ।


डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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