हंसी चेहरे को जुल्फों से छिपाया नहीं करते ,
पूनम का चाँद ,अमावस बनाया नहीं करते ।
निकलने दो चाँद को , बादलों की ओट से ,
हुस्न पर यूँ पहरे , लगाया नहीं करते ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
पूनम का चाँद ,अमावस बनाया नहीं करते ।
निकलने दो चाँद को , बादलों की ओट से ,
हुस्न पर यूँ पहरे , लगाया नहीं करते ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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