जिंदगी में जिंदगी से बड़ा कुछ नहीं ,
ईश्वर की इनायत से बड़ा कुछ नहीं ।
कुछ पल काट लूँ ,खुदा की बगिया में ,
फिर मौत भी आ जाए, गिला कुछ नहीं ।
आ सकूँ काम किसी के, टुकड़ों में बंटकर भी,
इससे बड़ी उसकी नियामत ,और कुछ नहीं ।
बख्स कर जिंदगी,अपनी दुवाओं से भर दिया ,
दौलत, शोहरत की चाहत ,अब मुझे कुछ नहीं ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
ईश्वर की इनायत से बड़ा कुछ नहीं ।
कुछ पल काट लूँ ,खुदा की बगिया में ,
फिर मौत भी आ जाए, गिला कुछ नहीं ।
आ सकूँ काम किसी के, टुकड़ों में बंटकर भी,
इससे बड़ी उसकी नियामत ,और कुछ नहीं ।
बख्स कर जिंदगी,अपनी दुवाओं से भर दिया ,
दौलत, शोहरत की चाहत ,अब मुझे कुछ नहीं ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
No comments:
Post a Comment