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Wednesday, July 24, 2013

jo baat jubaan kah na saki

जो बात जुबां कह न सकी ,नज़रों ने कह दिया ,
राज छुपाना चाहा मगर , नज़रों ने कह दिया ।
दिल को बहुत समझाया ,जज्बात में न बहक ,
धड़कनों ने धड़क कर , हाले दिल कह दिया ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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