Pages

Followers

Tuesday, July 9, 2013

larajate hoth may se bhare pyaale

लरजते होठ , मय से भरे प्याले ,
मचलती जुल्फें , हुस्न पर ज्यों ताले ,
हमें लगता है डर ,इन नशीली आँखों से ,
बिन पिए  ही मदहोश ना हो जाएँ हम ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

No comments:

Post a Comment