नाव बहाना
बचपन का खेल
याद आता है ।
रेत के घर
बनाया करते थे
खेल खेल में ।
आतंकवादी
नहीं जानते दर्द
घर खोने का ।
उजाड़ देते
बसे बसाए घर
निज स्वार्थ में ।
वो जानते हैं
नफरत उगाना
काँटों की खेती ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
बचपन का खेल
याद आता है ।
रेत के घर
बनाया करते थे
खेल खेल में ।
आतंकवादी
नहीं जानते दर्द
घर खोने का ।
उजाड़ देते
बसे बसाए घर
निज स्वार्थ में ।
वो जानते हैं
नफरत उगाना
काँटों की खेती ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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