भौतिकता की दौड़ में यह क्या हो गया ,
मेरा बचपन मुझ पर ही बोझ हो गया ।
माँ बाप व्यस्त हैं , दिखावे की होड़ में ,
शहर की चमक में ,मेरा गाँव खो गया ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
मेरा बचपन मुझ पर ही बोझ हो गया ।
माँ बाप व्यस्त हैं , दिखावे की होड़ में ,
शहर की चमक में ,मेरा गाँव खो गया ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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