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Wednesday, July 30, 2014

dhundhali shakl dikhane ka dosh aayane par

धुँधली शक्ल दिखाने का दोष, आयने पर लगा दिया,
आयने को तोड़कर उसने, धूल में मिला दिया।
सोचा नहीं वह बेजान, खामोश शीशा है,
टूट कर भी आयने ने, संभलना सीखा दिया।
कहता रहा तू उसे, मेरा गुलाम है,
तेरे गुरुर को उसने, मिटटी में मिला दिया।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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