भौतिक जगत से देव लोक को प्रस्थान,
यद्यपि जीव की सामान्य गति है
तथापि पूज्यनीय पिताजी का निधन,
आप सबके लिए अपूरणीय क्षति है।
उनके स्वर्गागमन से भू लोक पर
रिक्त हुआ स्थान अनन्त है
जिसकी पूर्ति के लिए सत्कर्म ही
आधार जीवन प्रयन्त है।
उनका आशीर्वाद सदैव आप सब पर बना रहे
ऐसी ईश्वर से प्रार्थना हर पल मनाना
उनकी स्मृति में एक वृक्ष अवश्य लगाकर
पूज्यनीय पिताजी की यादें चिर स्थायी बनाना।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
No comments:
Post a Comment