कानून का राज
जिस दिन देश में कानून का राज हो जाएगा,
एक भी गुंडा यहाँ, अपराध नहीं कर पायेगा।
जो भी नेता खड़ा होगा, अपराधी के समर्थन में,
सबसे पहले उसको ही, अंदर किया जाएगा।
लेगा जो अधिकारी रिश्वत, दफ्तर में बैठकर,
सरे राह चौराहे पर, मुँह काला किया जाएगा।
करेगा कोई खिलवाड़, जो अस्मत से किसी की,
मौत की नींद का उसे, फरमान दिया जाएगा।
होंगी निगाहें कानून की, हुकमरानों की चाल पर,
इनकी चाल में सबसे पहले, सुधार किया जाएगा।
तब तुष्टिकरण की नहीं, कोई नीति बनाएगा,
नागरिक को समानता का अधिकार दिया जाएगा।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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