इन्द्रधनुष की बात हो
अनेक रंग होकर भी, इन्द्रधनुष की बात हो,
फूल भाँति भाँति के, बस खुशबु की बात हो।
मंदिर, मस्जिद, चर्च से धर्म की चर्चा चले,
देश सबसे पहले हो, मानवता की बात हो।
बच्चा-बच्चा देश का, पढ़े-लिखे आगे बढे,
शिक्षा से उजियारा हो, ज्ञान की बस बात हो।
अलगाववादी व्यस्त हैं, अपनी सत्ता के लिए,
एक जुट हम सब जुड़ें, शान्ति की जब बात हो।
सीमा पर आक्रमण, जब भी दुश्मन ने किया,
देखी अनेकता में एकता, हिन्द की जब बात हो।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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