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Monday, October 6, 2014

duniya dke dard ko nahi apani khushi ko

दुनिया के दर्द को नहीं, अपनी ख़ुशी को नये रंग देता हूँ,
आती जब भी मुसीबत कोई, शुक्रिया कर मैं हँस देता हूँ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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