अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर ---
बेटा बेटी एक समान, सबको ही मैं बतलाता हूँ,
शिक्षा पाना, आगे बढ़ना, धर्म सभी को समझाता हूँ।
ससुराल घर शादी के बाद, संस्कृति का सार बताता हूँ,
मैं तो हूँ पुराने ख्यालों का, बेटी के घर कम जाता हूँ ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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