जिस दिन भी बेटियाँ जाग जायेंगी,
दुनिया से दहशतगर्दी भाग जायेगी।
सिखाएंगी जीना वह अपने बच्चों को,
इंसानियत की कीमत उसे बताएंगी।
लूटता है जो मुल्क का अमन औ चैन,
कैसे निपटना उससे यह भी सिखाएंगी।
करने को दाँत खट्टे दुश्मनो के, दोस्तों,
लक्ष्मी सी वीरांगना बनके दिखाएंगी।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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