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Monday, April 20, 2015

maut ka jashn

मौत का भी जश्न मनाते हैं हम,
हर हाल में खुशियाँ मनाते हैं हम।
यही है भारतीय अध्यात्म का सन्देश,
मौत को जीवन का आगमन बताते हैं हम।
जो कहा था ‘गीता’ में भगवान कृष्ण ने,
उसका सार विश्व को सुनाते हैं हम।
आत्मा होती अजर-अमर, गीता में लिखा,
देह नश्वर, पंच तत्वों में मिलाते हैं हम।
ज्योँ बदलता मानव नित नए वस्त्र,
आत्मा बदलती देह बात सुनाते हैं हम।
जीतना है विश्व को तो जाग जाइये,
बुद्धि और कर्म योग सिखाते हैं हम।
दया, करुणा और मानवता धर्म का सार,
धर्म की रक्षा हेतु, हथियार भी उठाते हैं हम।

डॉ अ कीर्तिवर्धन


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