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Sunday, May 10, 2015

naarad jayanti par

नारद जयन्ती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में पत्रकारों को सम्बोधित करने का अवसर मिला। उसी दौरान यह कविता भी पढ़ी -----

ब्रह्मा के सात मानस पुत्रों में, नारद प्रमुख आये,
किया समर्पण सब हरी को, विष्णु जी को भाये।
संगीत साधना, वेद-पुराण, उपनिषदों के मर्मज्ञ,
तीन लोक, चैदह भुवनों में, नारद अविलम्ब धाए।
देव- दानव, यक्ष- गन्धर्व, सबको लगते प्रिय,
अपनी चतुर मधुर वाणी से, सबको धीर बँधायें।
नारायण- नारायण जपते, वीणा संग बजाते,
हरी विरोधी को भी नारद, नारायण पाठ पढ़ाये।
एक लक्ष्य, एक ही भावना, धर्म का हो प्रचार,
किया उपकार रत्नाकर पर, वाल्मीकि बनवाए।  

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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